Indigenous Cow Breeds of India : Names and Images of Indigenous Cattle

 Desi Cow Breeds In India

भारत के पास एक अत्यंत समृद्ध विविधता है जिसमें स्थानीय गाय प्रजातियाँ शामिल हैं, प्रत्येक अपनी विशेष विशेषताओं के साथ, स्थानीय पर्यावरण के लिए उपयुक्त और विभिन्न कृषि और दूध उत्पादन उद्देश्यों को पूरा करते हैं। देशी गायों को मुख्यत : तीनों भागों में बांटा जा सकता है। भारत में वर्तमान में देशी गायों की कुल 53 पंजीकृत देशी नस्ल है। भारत की पहली सिंथेटिक गाय की नस्ल फ्रिस्वाल है। यह एक सिंथेटिक डेयरी पशु है जिसमें साहीवाल (37.5) और हॉलस्टीन फ्रीजियन (62.5) का लक्षण है। यहां कुछ प्रमुख देशी गाय की  नस्लें हैं।

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 Indigenous Cow Breeds of India 

1. दुधारू नस्लें (Milk Indigenous Breed) : 

दुधारू नस्ल की गायों में दुग्ध उत्पादन अधिक होता है। इन नस्लों में विभिन्न क्षेत्रों के अनुकूलन क्षमताओं को मध्यस्थ रखते हुए उच्च गुणवत्ता वाला दूध उत्पादित किया जाता है। दुधारू नस्ले भारतीय कृषि और गाय पालन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यहां कुछ प्रमुख दुधारू स्थानीय गाय की नस्ल  हैं - 

  • गिर नस्ल (Gir Cattle)-: गिर नस्ल का जन्म स्थान काठियावाड़ , गिर जंगलों, गुजरात माना जाता है।
  • साहीवाल नस्ल (Sahiwal Cow) :- साहीवाल नस्ल का जन्म स्थान पाकिस्तान के मोंटगॉमेरी जिले / साहीवाल जिले में माना जाता है।
  • थारपारकर नस्ल :- थारपारकर गाय (Tharparkar cattle) की नस्ल का जन्म स्थान थारपारकर जिला  और बाड़मेर के गुड्डामालानी में माना जाता है।
  • रेड सिंधी नस्ल (Red Sindhi Cattle) :- रेड सिंधी गाय (Red Sindhi Cow) का जन्म स्थान कराची और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जिले में माना जाता है।
  • राठी नस्ल (Rathi Cattle) :-  यह रेड सिंधी , साहीवाल और थारपारकर गाय का मिश्रण है। 
  • देवनी नस्ल :

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2. दोहरी उपयोगिता नस्लें / द्विकाजी नस्ले  (Dual Purpose Indigenous Breed) : 

भारत में कई दोहरी उपयोगिता स्थानीय गाय की नस्ल हैं, जिन्हें उच्च दूध उत्पादन के साथ-साथ कृषि और पशुपालन के कार्यों में भी उपयोगी माना जाता है। 

  • हरियाणा नस्ल :- यह भारत की सबसे अच्छी दोहरी उपयोगिता वाली नस्ल है। 
  • मेवाती नस्ल 
  • कांकरेज नस्ल :- यह भारत की सबसे भारी गाय है। इसकी मुख्य विशेषता सवाईचाल है। 
  • डांगी नस्ल 
  • निमारी नल 
  • ओंगल नस्ल 
  • नारी नस्ल 
  • डियोनि नस्ल 
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3. बोझा ढोने वाली नस्लें / भारवाहक नस्लें (Draught Indigenous Breed) : 

भारत में कई बोझा ढोने वाली स्थानीय गाय की नस्लें  हैं जो कृषि, गाड़ी चलाने, खेती और अन्य भारी कामों में उपयोगी होती हैं। इन नस्लों की विशेषता इनकी मजबूत शारीरिक संरचना और शक्तिशाली श्रमिकता में है। ये गाय नस्लें भारतीय कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और उनके लाभ विभिन्न क्षेत्रों में महसूस किए जाते हैं।

  • नागोरी नस्ल :-  यह राजस्थान की सबसे अच्छी बोझा ढोने वाली गाय की नस्ल है। 
  • अमृत महल नस्ल :- यह भारत की सबसे अच्छी बोझा ढोने वाली गाय की नस्ल है। 
  • होलिकार नस्ल 
  • कृष्णा वेळी नस्ल 
  • खिलाड़ी नस्ल :- यह महाराष्ट्र की सबसे अच्छी बोझा ढोने वाली गाय की नस्ल है।
  • वेचुर नस्ल 
  • बचूर नस्ल 
  • सीरी , पवांर और बद्री नस्लें 

  • मालवी नस्ल 
Discover India's indigenous cow breeds: View images and names of these culturally significant cattle, vital for biodiversity conservation.

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गाय की देसी नस्ल कौन कौन सी है?
देसी गाय की कुछ प्रमुख नस्लें हैं:
  • गिर गाय
  • साहीवाल गाय
  • थारपारकर गाय
  • रेड सिंधी गाय
  • राठी गाय
  • देवनी गाय
  • दोहरी नस्ल क्या है?
    दोहरी नस्ल वह नस्ल होती है जिसमें गाय का उपयोग दो प्रमुख उद्देश्यों के लिए होता है - यानी दूध और कृषि।
    गिर गाय प्रतिदिन कितना दूध देती है ?
    गिर गाय प्रतिदिन लगभग 15 से 20 लीटर दूध देती है।
    दोहरी उद्देश्य वाली गाय की नस्ल कौन सी है?
    दोहरी उद्देश्य वाली गाय की कुछ नस्लें हैं:
  • हरियाणा गाय
  • मेवाती गाय
  • कांकरेज गाय
  • रुमंथी जानवरों के आमाशय का सबसे बड़ा व् छोटा भाग कौनसा है ?
    रुमंथी जानवरों के आमाशय का सबसे बड़ा भाग रूमेन (Rumen) होता है, और सबसे छोटा भाग रेटिक्युलम (Reticulmn) होता है।
    बोझा दोने वाली उद्देश्य वाली गाय की नस्ल कौन सी है?
    बोझा दोने वाली उद्देश्य वाली गाय की कुछ नस्लें हैं:
  • नागोरी गाय
  • अमृत महल गाय
  • होलिकार गाय
  • कृष्णा वेळी गाय
  • खिलाड़ी गाय
  • दुग्ध उत्पादन उद्देश्य वाली गाय की नस्ल कौन सी है?
    दुग्ध उत्पादन उद्देश्य वाली गाय की कुछ नस्लें हैं:
  • गिर गाय
  • साहीवाल गाय
  • थारपारकर गाय