भेड़ की देशी नस्ल (Desi Breed of Sheep ) : भारत में प्रमुख और महत्वपूर्ण भेड़ प्रजातियाँ
भेड़ पालन मानव समाज के लिए प्राचीन काल से ही आय का महत्वपूर्ण स्रोत रहा है। भेड़ पालन भारत में मुख्यत ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलता है। भेड़ पालक भेड़ों से ऊन और मांस को प्राप्त करता है। इसके साथ ही, भेड़ की खाद भूमि को अधिक ऊपजाऊ बनाती है। भेड़ कृषि अयोग्य भूमि में चरती है और अनावश्यक घासों का उपयोग करती है, जो बाकी पशुओं के लिए अनुपयोगी होती है। भारत में वर्तमान में भेड़ो की कुल 45 पंजीकृत देशी नस्ल है। जिसमे नेल्लोर , मांड्या , गेरोल , चोकला , पूंगल , सोनाड़ी , नाली , जैसलमेरी , मारवाड़ी , मालपुरा , मगरा , गड्डी / गद्दी ,भाकरवाल , रामपुर बुशेर , छोटानागपुरी , कोयंबटूर , डेक्कनी , गंजाम , केंद्रपाड़ा , केंगुरी , खीरी , ब्लांगिरी , बेल्लारी , मचरेला भेड़, बोनपाला , नेल्लोर और कजली आदि भेड़ों की देशी नस्लें है।
Importance of Indigenous Sheep Breed for Indian Rural Communities
राजस्थान में पाई जाने वाले भेड़ की नस्ल (Sheep Breeds In Rajasthan):
राजस्थान में मुख्यत : चोकला (Chokla) , मगरा (Magra) , मारवाड़ी (Marwari), मालपुरा (Malpura) , नाली (Nali) , सोनाड़ी (Sonadi) , पूंगल (Pugal), जैसलमेरी (Jaisalmeri) , खेरी (Kheri) आदि भेड़ की नस्ल पायी जाती है।
1. चोकला भेड़ (Chokla Sheep) :
- यह नस्ल राजस्थान के चूरू, झुंझुनू, सीकर, बीकानेर, जयपुर, और नागौर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाई जाती है। इसके जानवर हल्के से मध्यम आकार के होते हैं। चोकला भेड़ में रोमन नाक पायी जाती है। चोकला भेड़ को भारत की “मेरिनो” कहा जाता है। देशी नस्लों में भेड़ की सबसे अच्छी नस्ल “चोकला भेड़” है।
2. जैसलमेरी भेड़ (Jaisalmeri Sheep):
- जैसलमेरी नस्ल राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, और जोधपुर जिलों में पाई जाती है। शुद्ध जैसलमेरी भेड़ राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी जैसलमेर में पाई जाती हैं।
3. खेरी भेड़ (Kheri Sheep):
- राजस्थान की खेरी / खीरी नस्ल एक प्रमुख और महत्वपूर्ण भेड़ नस्ल है जो किसानों के जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- यह नस्ल खेतों की अद्भुत परिस्थितियों में किसानों के झुंड में विकसित हुई है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो भेड़ प्रवास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- खीरी नस्ल की भेड़ लंबी दूरी तक चलने की क्षमता और सीमित मात्रा में मोटे चारे पर जीवित रहने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं।
- इसके जानवर तनाव को सहन कर सकते हैं और अनुकूल स्थिति लौटने पर तेजी से स्वस्थ हो जाते हैं। इससे उनकी प्रजनन दर में बेहतरी होती है और मेमनों की संख्या में वृद्धि होती है।
4. मगरा भेड़ (Magra Sheep):
- यह नस्ल राजस्थान के बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, और चूरू जिलों में पाई जाती है। इसके जानवर मध्यम से बड़े होते हैं और उनका चेहरा काला होता है।
5. मालपुरा भेड़ (Malpura Sheep):
- यह नस्ल राजस्थान के जयपुर, टोंक, सवाईमाधोपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, और बूंदी जिलों के निकटवर्ती क्षेत्रों में पाई जाती है।
6. मारवाड़ी भेड़ (Marwari Sheep):
- यह नस्ल राजस्थान के जोधपुर, जालौर, नागौर, पाली, बाड़मेर, और उदयपुर जिलों से लेकर गुजरात के जियोरिया क्षेत्र तक फैली हुई है।
7. नाली भेड़ (Nali Sheep):
- यह नस्ल राजस्थान के गंगानगर, चुरू, झुंझुनू, हिसार के दक्षिणी भाग, और हरियाणा के रोटक जिलों में पाई जाती है।
8. सोनाड़ी भेड़ (Sonadi Sheep):
- यह नस्ल राजस्थान के उदयपुर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, और चित्तौड़गढ़ जिलों में पाई जाती है।
9. पूंगल भेड़ (Pugal Sheep):
- यह नस्ल बीकानेर जिले का पूगल क्षेत्र इसका गृह क्षेत्र है और राजस्थान के बीकानेर और जैसलमेर जिलों में पाई जाती है।
अन्य राज्यों में पाई जाने वाले भेड़ की नस्ल :
1. बलांगिरी भेड़ (Balangiri Sheep) :
- उड़ीसा के पश्चिमी जिलों में फैली हुई यह नस्ल मध्यम आकार की होती है और विभिन्न रंगों में पाई जाती है।
2. बेल्लारी भेड़ (Bellary Sheep):
- कर्नाटक के बेल्लारी जिले में पाई जाती है, जिसके जानवर भिन्न-भिन्न रंगों में दिखाई देते हैं।
3. बोनपाला भेड़ (Bonpala Sheep) :
- यह नस्ल दक्षिणी सिक्किम में पाई जाती है और उनके लंबे पैर वाले जानवर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हैं।
4. छोटानागपुरी भेड़ (Chottanagpuri Sheep) :
- झारखंड और पश्चिम बंगाल में पाई जाने वाली यह नस्ल विभिन्न जिलों में फैली हुई है।
5. कोयंबटूर भेड़ (Coimbatore Sheep) :
- तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में पाई जाती है, जिनके शरीर विभिन्न रंगों में होते हैं।
6. डेक्कनी भेड़ (Deccani Sheep) :
- यह नस्ल दक्क्न के पठार में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, और कर्नाटक राज्यों में पाई जाती है। इनकी गर्दन पतली, छाती संकरी, और रीढ़ की हड्डी उभरी होती है। रंग मुख्य रूप से काला होता है, कुछ में भूरा और भूरे रंग के भी साथ मिलते हैं। नस्ल के भीतर विभिन्न उपभेद होते हैं।
7. गद्दी भेड़ (Gaddi Sheep) :
- गद्दी भेड़, जम्मू और कश्मीर के किस्तवार, भदरवाह, हिमाचल प्रदेश के रामनगर, उदमपुर, कुल्लू, कांगड़ा घाटियों, और देहरादून, उत्तर प्रदेश के नैनीताल, टिहरी-गढ़वाल और चमोली जिलों में पाई जाती है।
8. गंजाम भेड़ (Ganjam Sheep) :
- उड़ीसा के कुछ हिस्सों में फैली हुई यह नस्ल मध्यम आकार की होती है और अलग-अलग रंगों में देखी जाती है।
9. गैरोल भेड़ (Garole Sheep) :
- यह नस्ल पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पाई जाती है और उसकी आबादी कुशल बूरूला मेरिनो भेड़ के योगदान के लिए प्रसिद्ध है। गेरोल भेड़ देशी नस्लों में सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली नस्ल है।
10. भाकरवाल भेड़ (Bakharwal Sheep) :
- भाकरवाल भेड़ जम्मू कश्मीर राज्य में पायी जाती पायी जाती है। भाकरवाल भेड़ की ऊँन से “लोई” बनाई जाती है।
11. पाटनवाडी भेड़ (Patanwadi Sheep) :
- पाटनवाड़ी को देसी, कच्छी, वधियारी और चरोटारी भी कहा जाता है। सामान्य तौर पर, जानवरमध्यम से बड़े होते हैं और उनके पैर अपेक्षाकृत लंबे होते हैं। पाटनवाड़ी भेड़ में रोमन नाक भी देखने की मिलती है।
12. नेल्लोर भेड़ (Nellore Sheep) :
- नेल्लोर भेड़ का जन्म स्थान आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में माना जाता है। नेल्लोर भेड़ को “बकरी जैसी भेड़” भी कहा जाता है। देशी भेड़ो में सबसे बड़ी भेड़ की नस्ल “नेल्लोर” (Goat Like Sheep Breed) है।
13. मांड्या भेड़ (Mandya Sheep) :
- मांड्या भेड़ का जन्म स्थान कर्नाटक राज्य में माना जाता है। भारत की देशी नस्लों में सबसे छोटी भेड़ ” मांडया भेड़ (Mandya Sheep) ” है। (Smallest Sheep Breed In India)
भेड़ की नई नस्ल :
- मचरेला भेड़ : मच्रेला आंध्रप्रदेश के प्रमुख भेड़ की नस्ल है। दिसम्बर 2023 में, मचरेला भेड़ को NBAGR द्वारा पंजीकृत किया गया है। जिससे भेड़ों की कुल पंजीकृत नस्लों की संख्या 44 से बढ़कर 45 हो गई है।
यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के गुनुटुर, कृष्णा और प्रकाशम जिलों की मांस के लिए भेड़ की नस्ल है। ये भेड़ मध्यम से बड़े आकार की होती हैं।
इनकी खाल का रंग सफेद होता है और शरीर, चेहरा और पैरों में बड़े काले या भूरे पैच होते हैं। मचरेला भेड़ के नर मेंढे का औसत शरीर का वजन 43 किलोग्राम होता है।
भारत में पशुधन की आबादी 20वीं पशुधन गणना के अनुसार :
1. कुल पशुधन आबादी:
- 2019 में देश में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन है, जो 2012 की गणना की तुलना में 4.6% अधिक है।
2. कुल गायों की संख्या:
- 2019 में कुल गायों की संख्या 192.49 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में 0.8% ज्यादा है। देशी गायो में सबसे लम्बा दुग्धकाल ” गिर गाय (Gir Cattle) ” का होता है।भारत की देशी गायो में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन साहीवाल गाय करती है।
3. कुल भैंसों की संख्या:
- 2019 में भारत में कुल भैंसों की संख्या 109.85 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में लगभग 1.0% अधिक है। सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस की नस्ल ” मुर्रा (Murrah Buffalo Breed) ” है।
4. कुल भेड़ों की संख्या:
- देश में भेड़ की कुल संख्या 74.26 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में 14.1 प्रतिशत ज्यादा है।
5. कुल बकरियों की संख्या:
- बकरी की कुल संख्या 148.88 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में 10.1 प्रतिशत अधिक है।
Follow Us on Social Media
Stay connected with The Rajasthan Express by following us on our social media platforms:
भेड़ की देशी नस्ल कौन सी है?
भारत में वर्तमान में भेड़ो की कुल 44 पंजीकृत देशी नस्ल है। भारत में प्रमुख और महत्वपूर्ण भेड़ प्रजातियों में नेल्लोर, मांड्या, गेरोल, चोकला, पूंगल, सोनाड़ी, नाली, जैसलमेरी, मारवाड़ी, मालपुरा, मगरा, गड्डी/गद्दी, भाकरवाल, रामपुर बुशेर, छोटानागपुरी, कोयंबटूर, डेक्कनी, गंजाम, केंद्रपाड़ा, केंगुरी, खीरी, ब्लांगिरी, बेल्लारी, बोनपाला, नेल्लोर और कजली नस्लें शामिल हैं।
सबसे अच्छी भेड़ कौन सी है?
देशी नस्लों में सबसे अच्छी नस्ल कहलाती है “चोकला भेड़”, जिसे भारत की “मेरिनो” भी कहा जाता है।
बकरी जैसी भेड़ की नस्ल कौन सी है?
“नेल्लोर भेड़” को “बकरी जैसी भेड़” भी कहा जाता है।
कौन सी भेड़ नस्ल भारत की सरताज कही जाती है?
भारतीय भेड़ प्रजातियों में “चोकला भेड़” को सर्वोत्तम और सर्वश्रेष्ठ नस्ल माना जाता है। चोकला भेड़ में रोमन नाक पायी जाती है। चोकला भेड़ को भारत की “मेरिनो” कहा जाता है। देशी नस्लों में भेड़ की सबसे अच्छी नस्ल “चोकला भेड़” है।