चोकला भेड़ (Chokla Sheep) : राजस्थान की मेरिनो किसे कहते हैं ?

चोकला भेड़ : राजस्थान की गर्मी और संवर्धन का प्रतीक

भेड़ पालन मानव समाज के लिए प्राचीन काल से ही एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत रहा है। भारत में, गाँवों में खासतौर पर इसे प्राय: देखा जाता है। भारत में वर्तमान में भेड़ो की कुल 45 पंजीकृत देशी नस्ल है। इनमें “चोकला भेड़” एक प्रमुख नस्ल है। यह भेड़ उत्तरी राजस्थान के बीकानेर, जयपुर, नागौर, झुंझुनू, और सीकर जिलों में पाई जाती है, और यहाँ के किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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चोकला भेड़ का मूल स्थान और वितरण (Origins and Distribution of Chokla Sheep) :

चोकला भेड़ (Chokla Sheep) का जन्म स्थान राजस्थान के झुन्झुनू, चूरू, सीकर, बीकानेर, और नागौर जिलों माना जाता है। इसे खासतौर पर झुन्झुनू, चूरू, और सीकर जिलों में देखा जाता है। यह भेड़ मुख्यतः ऊन उत्पादन के लिए पाला जाता है और इसे “राजस्थान की मेरिनो” कहा जाता है।   

Chokla Sheep Breed

Scientific Classification
  • Domain: Eukaryota
  • Kingdom: Animalia
  • Phylum: Chordata
  • Class: Mammalia
  • Order: Artiodactyla
  • Family: Bovidae
  • Subfamily: Caprinae
  • Tribe: Caprini
  • Genus: Ovis
  • Species: Ovis aries
Synonyms Chapper, Shekhawati, Raata Munda
Breeding Tract
  • Rajasthan: Nagaur, Sikar, Churu
  • Latitude: 27° 11′ to 28° 19′
  • Longitude: 73° 40′ to 75° 15′
Origin Rajasthan, India; primarily found in Jhunjhunu, Churu, Sikar, Bikaner, and Nagaur districts.
Main Uses
  • Wool Production
  • Meat Production (limited)
  • Draft Work
Adaptability Well-adapted to arid conditions and scarce fodder resources. Known for resilience during droughts.
Color
  • Coat: White
  • Face: Dark brown, extending to the middle of the neck in some cases
Horns Polled (hornless)
Visible Characteristics
  • Light to medium-sized animals
  • Face generally devoid of wool
  • Small to medium ears (9-11 cm), tubular
  • Dense, relatively fine coat
Skin and Hair
  • Fine, dense wool
  • Pink skin
Wool Quality Medium fiber type; excellent quality wool, often compared to Merino, known as “Rajasthan’s Merino.”
Average Male Height 69.2 cm
Average Female Height 63.9 cm
Average Male Weight 41.1 kg
Average Female Weight 29.9 kg
Fleece Weight (kg/year) 1.75 (Range: 1.5 – 2.5)
Staple Length (cm) 5.5 cm
Fibre Diameter (µ) 23.4 µ
Management System Extensive grazing; stationary mobility
Performance
  • Age at First Parturition: Average 18 months (Range: 12-24 months)
  • Parturition Interval: 12 months
  • Litter Size Born: 1
  • Milk Yield: Not applicable
Population
  • 2005: 20,000
  • 2013: 261,514

Source: Indian Journal of Animal Sciences, Department of Animal Husbandry, Government of India.

Chokla Sheep: The Rajasthan Express

चोकला भेड़ की विशेषताएँ (Characteristics of Chokla Sheep) :

शरीर (Body) : 
  • चोकला भेड़ (Chokla Sheep) का शरीर मध्यम आकार का होता है। 
रंग (Colour) :
  • चोकला भेड़ का रंग लाल भूरे या गहरे भूरे रंग का होता है। 
चेहरा (Face) :
  • चोकला भेड़ का चेहरा आमतौर पर लाल भूरे या गहरे भूरे रंग का होता है, और उसकी त्वचा गुलाबी होती है।
नाक (Nose) :
  • चोकला भेड़ (Chokla Sheep) में नाक उभरी हुई होती है जिसे रोमन नाक (Roman Nose) कहते है। जो इसकी मुख्य पहचान है। 
कान (Ear) :
  • इसके कान छोटे से मध्यम लंबाई के होते हैं और उनमें ट्यूबलरता होती है।
पूँछ (Tail) :
  • यह भेड़ पतली और मध्यम लंबाई की पूंछ वाली होती है।
सींग (Horn) :
  • चोकला के नर व् मादा भेड़ सींग रहित होती है। 
ऊँन (Wool) : 
  • चोकला भेड़ (Chokla Sheep) में ऊँन का कोट घना और महीन होता है (Fine Wool), जो पूरे शरीर को ढकता है। चोकला भेड़ को मुख्यत ऊँन उत्पादन के लिए पाला जाता है इसलिए चोकला भेड़ को “राजस्थान की मेरिनो” कहते है। 
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चोकला भेड़ की ऊन की गुणवत्ता (Quality of Chokla Sheep) :

  • चोकला ऊन की गुणवत्ता उनकी मुख्य पहचान है।
  • यह भेड़ बेहतरीन कालीन ऊन उगाती है और इसकी मदद से बहुत सारे कपड़े बनते हैं। 
  • चोकला भेड़ की बेहतर ऊँन उत्पादन के लिए विदेशी मेरिनो भेड़ से इसकी तुलना की जाती है। चोकला भेड़ को देशी नस्लों में “भारत की मेरिनो” कहा जाता है। 

नस्ल सुधार कार्यक्रम (Breeding Improvement Program):

  • चोकला भेड़ (Chokla Sheep) के नस्ल सुधार के कार्यक्रम के माध्यम से, इसकी गुणवत्ता और ऊन की उपयोगिता में सुधार होता रहता है।
  • इसके ऊन का उत्पादन आज 30% के मेड्यूलेशन प्रतिशत के साथ हो रहा है, जो कालीन तैयारी के लिए उपयुक्त है।
  • 1992 के बाद, गहन चयन और बेहतर प्रबंधन के माध्यम से, चोकला भेड़ का छह महीने का वजन 16.51 किलोग्राम से बढ़कर 24.83 किलोग्राम हो गया है, और पहले 6 मासिक जीएफवाई में 0.918 किलोग्राम से बढ़कर 1.438 किलोग्राम हो गया है। 
  • कुल मिलाकर, किसानों या सरकार को कुल 300 मेढ़े बेचे/वितरित किए गए हैं। यह राजस्थान की नस्ल सुधार कार्यक्रम के महत्वपूर्ण परिणामों का उल्लेख करता है।

भारत में पशुधन की आबादी 20वीं पशुधन गणना के अनुसार : 

1. कुल भेड़ों की संख्या:

  • देश में भेड़ की कुल संख्‍या 74.26 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में 14.1 प्रतिशत ज्‍यादा है।
2. कुल बकरियों की संख्या:

  • बकरी की कुल संख्‍या 148.88 मिलियन है, जो पिछली गणना की तुलना में 10.1 प्रतिशत अधिक है। 

राजस्थान में पाई जाने वाले भेड़ की नस्ल (Sheep Breeds In Rajasthan): 

  • चोकला भेड़ (Chokla Sheep)  
  • मगरा भेड़(Magra Sheep) 
  • मारवाड़ी भेड़ (Marwari Sheep) 
  • मालपुरा भेड़ (Malpura Sheep) 
  • नाली भेड़ (Nali Sheep) 
  • सोनाड़ी  भेड़ (Sonadi Sheep)  
  • पूंगल भेड़ (Pugal Sheep) 
  • जैसलमेरी भेड़ (Jaisalmeri Sheep)  
  • खेरी भेड़ (Kheri Sheep) 

 Discover the significance of Chokla sheep in Rajasthan, a vital source of income for farmers and a symbol of the region’s rich heritage and conservation efforts.

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भेड़ की देशी नस्ल कौन सी है?
भारत में वर्तमान में भेड़ो की कुल 44 पंजीकृत देशी नस्ल है। भारत में प्रमुख और महत्वपूर्ण भेड़ प्रजातियों में नेल्लोर, मांड्या, गेरोल, चोकला, पूंगल, सोनाड़ी, नाली, जैसलमेरी, मारवाड़ी, मालपुरा, मगरा, गड्डी/गद्दी, भाकरवाल, रामपुर बुशेर, छोटानागपुरी, कोयंबटूर, डेक्कनी, गंजाम, केंद्रपाड़ा, केंगुरी, खीरी, ब्लांगिरी, बेल्लारी, बोनपाला, नेल्लोर और कजली नस्लें शामिल हैं।

सबसे अच्छी भेड़ कौन सी है?
देशी नस्लों में सबसे अच्छी नस्ल कहलाती है “चोकला भेड़”, जिसे भारत की “मेरिनो” भी कहा जाता है।

बकरी जैसी भेड़ की नस्ल कौन सी है?
“नेल्लोर भेड़” को “बकरी जैसी भेड़” भी कहा जाता है।

कौन सी भेड़ नस्ल भारत की सरताज कही जाती है?
भारतीय भेड़ प्रजातियों में “चोकला भेड़” को सर्वोत्तम और सर्वश्रेष्ठ नस्ल माना जाता है। चोकला भेड़ में रोमन नाक पायी जाती है। चोकला भेड़ को भारत की “मेरिनो” कहा जाता है। देशी नस्लों में भेड़ की सबसे अच्छी नस्ल “चोकला भेड़” है।

भारत में चोकला भेड़ कहां पाई जाती है?
चोकला भेड़ भारत में राजस्थान के झुन्झुनू, चूरू, सीकर, बीकानेर, और नागौर जिलों में पाई जाती है।

राजस्थान में भेड़ की सबसे अच्छी नस्ल कौन सी है?
राजस्थान में भेड़ की सबसे अच्छी नस्ल “चोकला भेड़” है, जिसे राजस्थान की मेरिनो भी कहा जाता है।