Rashtriya Gokul Misson: Conservation of Indigenous Breeds
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण करना है। 20 जुलाई 2014 से लागू यह मिशन ग्रामीण किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने और डेयरी को अधिक लाभदायक बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय गोकुल मिशन, गौवंश उत्पादकता को बढ़ाने, स्वदेशी नस्लों का संरक्षण करने और ग्रामीण किसानों की आजीविका को समर्थन देने का लक्ष्य रखता है।
2021 से 2026 तक राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना के तहत राष्ट्रीय गोकुल मिशन को 2400 करोड़ रुपये के बजट के साथ जारी रखा गया है। इस मिशन का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों के साथ-साथ महिलाओं को भी लाभ पहुंचाना है, क्योंकि पशुधन पालन में 70% से अधिक कार्य महिलाएं करती हैं।
Objectives of the Rashtriya Gokul Mission (उद्देश्य)
1. Enhance Productivity (उत्पादन)
- उन्नत तकनीकों का उपयोग करके स्थायी रूप से पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाना।
2. Promote High Genetic Merit:
- प्रजनन के लिए उच्च आनुवंशिक गुणों वाले बैल का उपयोग करना। आनुवंशिक सुधार और उच्च उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान (AI – Artificial Insemination) और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF – In Vitro Fertilization) जैसी उन्नत प्रजनन तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
3. Extend AI Coverage (कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा)
- कृत्रिम गर्भधान को बढ़ाना और किसानों के लिए अधिक सुलभ बनाना। प्रजनन नेटवर्क को मजबूत करना और किसानों के दरवाजे पर AI सेवाएं प्रदान करना। जिसके लिए राजस्थान सरकार द्वारा पशु मित्र योजना और मोबाइल वेटरनरी यूनिट की शुरुआत की गई।
4. Conserve Indigenous Breeds (देशी नस्लों का संरक्षण)
- देशी गाय और भैंसों का वैज्ञानिक विधि से संरक्षण करना। ताकि क्रॉस ब्रीड को कम किया जा सके। जिसके लिए सरकार द्वारा शुद्ध स्वदेशी नस्ल का सीमन कृत्रिम गर्भधान के लिए किसानो को उपलब्ध कराना।
Funding Pattern
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी , इसमें आईवीएफ गर्भावस्था, सेक्स सॉर्टेड सीमेन और नस्ल बहुगुणन फार्म के लिए सब्सिडी शामिल हैं, जो किसानों और उद्यमियों को आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं।
Components of the Rashtriya Gokul Mission (राष्ट्रीय गोकुल मिशन के भाग)
1. Availability of High Genetic Merit Germplasm
राष्ट्रीय गोकुल मिशन विभिन्न कार्यक्रम के द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले जर्मप्लाज्मा प्रदान कराता है।
A. Bull Production Programme:
- Progeny Testing (संतती परीक्षण ) : इसे द्वि स्तरीय चयन प्रणाली भी कहते हैं। यह गाय से प्राप्त बछड़ी के प्रदर्शन के आधार पर नर का चयन किया जाता है। यह चयन की सबसे अच्छी विधि है।
- Pedigree Selection (वंशावली चयन) : पूर्वजों के रिकॉर्ड के आधार पर चयन करना।
- Genomic Selection (आनुवंशिक चयन )
B. Support to Semen Stations
C. Strengthening infrastructure at existing semen stations.
D. Implementation of IVF Technology:
E. Breed Multiplication Farms:
2 Extension of Artificial Insemination Network
A. Sex Sorted Semen :
- सेक्स सॉर्टेड सीमन एक आधुनिक प्रजनन तकनीक है जिसका उद्देश्य की माँ (गाय) से प्रजनन के बाद मादा (बछड़ी) पैदा हो न की नर।
- प्रयोगशाला में सीमन से X और Y गुणसूत्रों में से Y गुणसूत्र को हटाना है।
- यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि केवल X गुणसूत्र वाला सीमन ही बचे। जब इस सीमन का उपयोग कृत्रिम गर्भाधान (AI) में किया जाता है, तो परिणामस्वरूप केवल मादा बछड़ी ही पैदा होती है।
B. Nationwide Artificial Insemination Programme (राष्ट्रीय कृतरिम गर्भाधान )
- AI सेवाएं को बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान (Nationwide Artificial Insemination Programme) की शुरुआत 15 सितंबर 2019 में की गई।
- जिसका मुख्य उद्देश्य 50 % से काम AI कवरेज वाले जिलों में डोर – स्टेप (Door-Step) पर AI करना।
3. Development and Conservation of Indigenous Breeds (स्वदेशी नस्लों का संरक्षण)
- भारत की देशी नस्लों के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौशालाओं, गोसदनों और पिंजरापोलों का निर्माण महत्वपूर्ण है। इन संस्थाओं के माध्यम से न केवल देशी नस्लों का संरक्षण हो सकेगा, बल्कि उच्च प्रजनन क्षमता वाले स्टड बुल्स (Stud Bulls) भी तैयार किए जा सकेंगे।
- गौशालाओं और गोसदनों में देशी नस्लों को सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे इनकी शुद्धता बनी रहेगी।
- इन संस्थानों में उच्च प्रजनन क्षमता वाले सांड (Stud Bulls) तैयार किए जाएंगे, जो पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान के लिए शुद्ध नस्ल का सीमन प्रदान करेंगे।
- शुद्ध नस्ल के सीमन से पशुपालक अपने पशुओं की नस्ल सुधार सकते हैं, जिससे दूध उत्पादन और अन्य पशु उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ेगी।
4. Skill Development (कौशल विकास)
5. Farmers Awareness (किसानों में जागरूकता)
- किसानों को भारत की दुधारू नस्लों जैसे – गिर , साहीवाल , राठी , थारपारकर आदि के बारे में जागरूक करना।
- उन्हें पोषण सम्बंधित जानकारी देना ताकि किसान अपने गाय – भैंस में उत्पादन बढ़ा सके।
“Discover how the Rashtriya Gokul Mission aims to enhance milk production, conserve indigenous breeds, and empower rural farmers. Learn about the objectives, funding, and key components of this vital initiative.”
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