Amrit Mahal Cow : अमृत महल गाय की पहचान और विशेषताएँ "
The Amrit Mahal: Karnataka's Legendary Cattle Breed
अमृत महल गाय की उत्पति और वितरण (Origins and Distribution of AmritMahal Cow)
अमृत महल गाय की उत्त्पति कर्नाटक राज्य के मैसूर से हुई है। अमृत महल, जिसका अर्थ "दूध विभाग" है, जिसका विकास मैसूर राज्य के शासकों द्वारा किया गया था । जिसका मुख्य उद्देश्य शाही महल को दूध और दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति करना था, साथ ही सेना के लिए मजबूत बैल उपलब्ध कराना था। इस नस्ल में प्रमुख : तीन प्रकार की नस्ल शामिल थी : हल्लीकर, हगलवाडी और चित्रदुर्ग, जिन्हें समय के साथ मिलाकर अमृत महल नस्ल बनाई गई। इसका उद्देश्य दक्षिण भारत की मसौदा नस्लों से दूध उत्पादन बढ़ाना था। यह नस्ल चिकमगलूर, चित्रदुर्ग, हसन, शिमोगा, तुमकुर और दावणगेरे जिलों में पाई जाती है।
अमृत महल गाय के उपनाम (Synonymous of Amrit Mahal Cow )
अमृत महल गाय, जिसे "डोडडाना," "जवारी डाना," और "नंबर डाना" के नाम से भी जाना जाता है, कर्नाटक की एक प्रसिद्ध गाय नस्ल है। "अमृत" का अर्थ दूध और "महल" का अर्थ घर है, जो इस नस्ल की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। यह गाय अपनी बोझा ढोने की शक्ति और सहनशक्ति के लिए जानी जाती है।
अमृत महल गाय के मुख्य उपयोग (Main Uses of Amrit Mahal Cattle)
- अमृत महल नस्ल मुख्य रूप से बैल उत्पादन के लिए पाली जाती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य और बोझा ढोने (Farming and Transportation) के लिए उपयोगी होते हैं। भारवाहक नस्लों (Draught Purpose Breed) में दुग्ध उत्पादन (Milk Production) कम होता हैं।
अमृत महल गाय की पहचान (Characteristics of Amrit Mahal Cow)
शरीर (Body)
- शरीर मजबूत और मांसल होता है, जो नस्ल की ताकत और सहनशक्ति को दर्शाता है।
रंग (Colour)
- अमृत महल गाय आमतौर पर भूरे रंग (Brown Colour) की होती है, जो लगभग सफेद से लेकर लगभग काले रंग तक हो सकती है। इनके चेहरे और गलकंबल पर विशिष्ट सफेद-ग्रे निशान होते हैं, और नाक, पैर और पूंछ का सिरा काला होता है।
सिर (Head)
- सिर अच्छी तरह से आकार का, लंबा और संकीर्ण होता है, जिसमें थोड़ी उभरी हुई माथा होती है।
सींग (Horn)
- सींग पास-पास निकलते हैं और ऊपर की ओर और पीछे की ओर मुड़ते हैं, जो अक्सर बूढ़े जानवरों में आपस में जुड़ जाते हैं।
दुग्ध उत्पादन (Milk Production)
अमृत महल गायें अपनी ताकत और सहनशक्ति के लिए जानी जाती हैं। अमृत महल गायों से दूध उत्पादन बहुत कम होता है, जो प्रति ब्यात औसत दूध उत्पादन केवल 572 किलोग्राम होता है।
- Milk Yield Per Lactation : 572 Kg
मुख्य बिंदु (Key Points)
- भारत की सबसे अच्छी बोझा ढोने वाली / भारवाहक नस्ल "अमृत महल" है।
- महाराष्ट्र की सबसे अच्छी बोझा ढोने वाली / भारवाहक नस्ल "खिलारी" है।
- राजस्थान की सबसे अच्छी बोझा ढोने वाली / भारवाहक नस्ल "नागोरी" है।
- भारत की सबसे अच्छी दोहरी उपयोगिता वाली नस्ल "हरियाणा" है।
Discover the rich history and characteristics of the Amrit Mahal, Karnataka’s renowned cattle breed known for its strength and endurance in agricultural tasks.